The Ajanta Caves |अजंता गुफाएं
अजंता गुफाओं का निर्माण भारत में दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आस पास हुआ था। गुफाओं में जातक कहानियों को दर्शाती हुई बौद्ध धार्मिक कला से सम्बन्धित चित्र और मूर्तियाँ शामिल है।जो श्री लंका के अद्भुत सिगारिया चित्रों की याद दिलाती है। ये गुफाएं देश की धरोहर है और इसके चित्र हमे दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व और 6 वीं शताब्दी के समय की याद दिलाते है। गुफाओं को २ चरणों में बनाया गया था। पहले चरण में, इसका निर्माण दूसरी सदी ईसा पूर्व के आसपास हुआ और दूसरे चरण में 600 सीई के मध्य में हुआ था। 1 9 83 से यूनेस्को विश्व विरासत स्थल की सूची में अजंता गुफाओं का नाम शामिल है। अजंता गुफाएं महाराष्ट्र के जलगांव शहर से 59 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि मानसून के दौरान कई बौद्ध भिक्षु अजंता गुफाओं में महत्वपूर्ण समय बिताते थे। क्यूंकि साल के इस समय में भिक्षुओं को यात्रा करने की अनुमति नहीं होती थी। यह वह समय था जब भिक्षुओं ने गुफाओं की दीवारों पर अपनी रचनात्मकता कारीगरी को चित्रित किया था। तेजस्वी चित्रों, मूर्तियां, बड़े-बड़े स्तंभों और स्तूपों का निर्माण, दीवारों पर जानकारी देती हुई जटिल नक्काशियां इन सब की वजह से ही अजंता गुफाओं को विरासत का दर्जा दिया गया है। गुफा परिसर में 30 से अधिक गुफाएं थीं। सातवाहन काल के दौरान परिसर का एक हिस्सा बनाया गया और दूसरा भाग वाकाटक काल के दौरान बनाया गया था। इतिहासकारों और पुरातत्वविदों ने कलाकृतियों का अध्ययन करके उत्तर भारत के गुप्त राजवंश और वाकाटक वंश के सम्बन्ध का भी पता लगाया था।
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